फौजदारी न्यायालय meaning in Hindi
[ faujedaari neyaayaaley ] sound:
फौजदारी न्यायालय sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- वह न्यायालय जहाँ आपराधिक मामलों की सुनवाई होती है:"यह मुकदमा फौजदारी में चल रहा है"
synonyms:फौजदारी, फ़ौजदारी, फौजदारी अदालत, फ़ौजदारी अदालत, फ़ौजदारी न्यायालय, फौजदारी कोर्ट, फ़ौजदारी कोर्ट, दंडन्यायालय, दंड न्यायालय, दण्डन्यायालय, दण्ड न्यायालय
Examples
More: Next- कैप्टन एफ , शनीदरदर के समक्ष फौजदारी न्यायालय लगा।
- सन् १९१० में फौजदारी न्यायालय में पदासीन न्यायिक अधिकारियों की संख्या निम्न प्रकार थीः-
- चीन की आशा है कि अंतरराष्ट्रीय फौजदारी न्यायालय द्वारा उठाया गया कदम दारफुर सवाल के अच्छी तरह समाधान के लिए मददगार सिद्ध होगा
- न्यायाधिकरण ने मांग उठायी है कि हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय फौजदारी न्यायालय को बुश और ब्लेयर के ख़िलाफ़ युध्द अपराधी बतौर आरोप पत्र दर्ज़ करना चाहिए।
- हम जो कर सकते हैं वह है कि संविधान के दूसरे भाग के छठे अध्याय की 31वीं धारा के अंतर्गत हम कुवालालम्पुर युद्ध अपराध आयोग को सिफारिश कर सकते हैं कि अधिकरण के दोष सिद्ध करने के फैसले के साथ उसकी कार्यवाइयों के रिकार्ड को वे अंतर्राष्ट्रीय फौजदारी न्यायालय को और संयुक्त राष्ट्र संघ व सुरक्षा परिषद को भेजें।
- चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता सुश्री च्यांगय्वू ने 12 तारीख को पेइचिंग में अंतरराष्ट्रीय फौजदारी न्यायालय द्वारा सूडान के राष्ट्रपति बशीर पर मुकदमा चलाये जाने की चर्चा में कहा कि चीन का हमेशा से यह रूख रहा है कि अंतरारष्ट्रीय फौजदारी न्यायालय द्वारा उठाये जाने वाला कदम सूडान की स्थिरता व दारफुर सवाल के अच्छी तरह समाधान के लिए मददगार सिद्ध होगा।
- चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता सुश्री च्यांगय्वू ने 12 तारीख को पेइचिंग में अंतरराष्ट्रीय फौजदारी न्यायालय द्वारा सूडान के राष्ट्रपति बशीर पर मुकदमा चलाये जाने की चर्चा में कहा कि चीन का हमेशा से यह रूख रहा है कि अंतरारष्ट्रीय फौजदारी न्यायालय द्वारा उठाये जाने वाला कदम सूडान की स्थिरता व दारफुर सवाल के अच्छी तरह समाधान के लिए मददगार सिद्ध होगा।
- अलावा इसके दण्ड प्रक्रिया संहिता के अर्न्तगत फौजदारी न्यायालय को अपने आदेश को रीकॉल व संशोधित करने का कोई क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है और न ही ऐसा कोई प्राविधान न्यायालय के समक्ष अभियुक्त के अधिवक्ता व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा रखे गए हैं , जिसके आधार पर पर मेरे पूर्वाधिकारी द्वारा पारित आदेश के विद्यमान रहते उसी अभियुक्त को तलव किए जाने का आधार हो।
- " उक्त विधि व्यवस्था के अनुसार यदि अपराध अथवा आपराधिक वाद में किसी व्यक्ति को हुई किसी हानि या क्षति को देने हेतु न्यायालय द्वारा आदेश पारित किया गया है, तो उस दशा में ऐसी हानि या क्षति की प्रतिकर राशि की वसूली सिविल न्यायालय के द्वारा की जा सकती है तथा इस प्रकार से हुई हानि या क्षति को फौजदारी न्यायालय द्वारा वसूल किया जाना न्यायसंगत नहीं होगा।
- यह अत्यन्त आश्चर्यजनक है कि निगरानी न्यायालय द्वारा यह स्पष्ट आदेश पारित किया गया है कि- " अवर न्यायालय को निर्देशित किया जाता है कि वह निगरानीकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले रसीदों/कैशमेमो को ग्रहण कर मामले का निस्तारण गुण-दोष के आधार पर करें", लेकिन विद्वान मजिस्टेट द्वारा यह आदेश पारित किया गया कि आदेश दिनांक-3.2.2006 अन्तिम रुप ले चुका है और फौजदारी न्यायालय को अपने आदेश को वापस लेने का कोई क्षेत्राधिकार नहीं है।